सम्मान करना दिव्य प्रेम का लक्षण है। इसी सम्मान को पूजा कहते हैं। पूजा से भक्ति पनपती है। जो कुछ प्रकृति हमारे लिए करती है हम उसी की नकल पूजा की विधि में करते हैं। परमात्मा भिन्न-भिन्न रूपों में हमारी पूजा कर रहे हैं। हम पूजा द्वारा वह सब https://barbarag430jsy7.wikigop.com/user